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Wednesday, January 11, 2012

क्या भारतीय टीम पर्थ में इतिहास दोहराएगी?

भारतीय टीम पिछली बार जब पर्थ में खेली थी, अपनी पूरी जी-जान लेगा दी थी. क्योंकि उसके पहले भारतीय टीम को काफी अवहेलना का सामना करना पढ़ा था. मंकी-गेट त्रासदी ने हरभजन और साथी खिलाडियों को भी बहुत गुस्सैल बनाया था. पूरी भारत की मीडिया किसी तरह ऑस्ट्रेलिया को सबक सिखाने के लिए तुली हुई थी. भारत में एम्पायर स्टीव बकनर का पुतला जलाया जा रह था और विश्वभर में मीडिया इन सब को काफी रुचि के साथ लोगों को परोस रहा था.

दोनों देशों के क्रिकेट संबंधों में तनाव थे. सारे पारे गरम थे. और यह वही अवसर था जब टीम इंडिया को कुछ भी खोने के लिए और कुछ नहीं था. ज़हीर खान के चोटिल हो जाने के बाद इशांत शर्मा  को दूसरे टेस्ट में खिलाया गया था. लेकिन वह ठीक से गेंदबाजी नहीं कर पाया. भारत के पास और कोई उपाय नहीं था, सिवाय इसके कि वह इशांत को खिलाये. लेकिन पर्थ टेस्ट में इशांत ने जो जलवा दिखाया, वो काबिलेतारीफ था.

भारतीय टीम ने पहली पारी में बहुत अच्छी बल्लेबाजी की और सचिन और लक्ष्मण के शतक की बदौलत 500 से ऊपर का स्कोर बनाया. उसके बाद ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने अच्छी शुरुआत की. पर पहले विकेट के पतन के बाद आये कप्तान रिकी पोंटिंग को गेंद डालने आये इशांत ने एक जबरदस्त गेंदबाजी का नमूना वहां पर्थ में पेश किया. पोंटिंग को जरा सा भी मौका नहीं दिया क्रीज़ पर टिकने का. लगातार ऑफ-स्टंप के बाहर लाइन और लेंग्थ रखकर उस स्पेल में बहुत बुरी तरह पोंटिंग को परेशान किया.

वहीँ से इशांत को सारी दुनिया ने जाना. सिर्फ उन्नीस की उम्र में ही दुनिया के शीर्ष बल्लेबाज को इस तरह किसी भी भारतीय गेंदबाज ने आजतक परेशान नहीं किया था. लेकिन पर्थ का वह मैच भारत ने सिर्फ इशांत की वजह से नहीं जीता. भारतीय गेंदबाजों ने जीत दिलाई. 72 रनों से वह जीत उस चोट पर भी मरहम लगाने के लिए उचित थी जो सिर्फ 2 हफ़्तों पहले सिडनी में लगी थी. सारा देश जाग गया. सबको लगा की बदला ले लिया गया है. ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ही नहीं पर देश के क्रिकेट प्रेमी भी इस बात को समझ गए कि एक टीम जिसे सिडनी में न्याय नहीं मिला, उसे पूरी तरह न्याय मिल गया है.

जिस पर्थ की तेज पिच पर विशेषज्ञयों की राय में भारतीय टीम घुटने टेकने वाली थी, उसी पिच पर उन्होंने अपनी टीम को ही लुढ़कते हुए देखा.

करीब चार साल बाद फिर से ये टीमें आमने-सामने हैं. उसी जगह. उसी भरोसे के साथ. देखना है क्या होता है. भारतीय क्रिकेट टीम के पास काफी चीजों को खरा साबित करने का मौका है. क्योंकि विशेषज्ञ अभी से 4-0 का मुहर इस टेस्ट श्रंखला पर लेगा चुके हैं.